Matthew 18:12-14

12तुमन का सोचथव? यदि कोनो मनखे करा सौ ठन भेड़ हवय, अऊ ओम के एक ठन भेड़ ह भटक जाथे, त का ओह निनान्‍बे भेड़मन ला पहाड़ी ऊपर छोंड़के ओ एक ठन भटके भेड़ ला खोजे बर नइं जावय? 13अऊ यदि ओ भेड़ ह ओला मिल जावय, त मेंह तुमन ला सच कहत हंव; ओह ओ भेड़ खातिर जादा आनंद मनाही, एकर बनिस‍पत कि ओ निनान्‍बे भेड़ जऊन मन भटके नइं रिहिन। 14अइसनेच स्‍वरग म तुम्‍हर ददा ह नइं चाहत हवय कि ए छोटे मन ले एको झन घलो नास होवंय।”

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